Sunday, March 14, 2010

देश के चार नाम.....


|| देश के चार नाम, चार ब्यवस्थाओं द्वारा नामित कथित (भारत, हिंदुस्तान, इंडिया,
यूनियन आफ इंडिया) जिनके मूल में मानवीय आधार नहीं ||

" मेरा भारत देश महान" क्या हुआ है भारत में हमे पता नहीं? तो हम सब भारत
की ब्यवस्था में दास बन राजा के अधीन रहे जहाँ राजा के ५२ कानून दास पर लागू
हुए
और दास को बिना राजा के आज्ञा पत्ता छूने का अधिकार नहीं था, ध्यान दें
मध्य
एसिया से आये आर्य ही अपने कल, बल, छल से यहाँ के राजा बने और यहाँ
के
मानव को जिन्दा जलाने का प्राविधान बनाये जो इनके वेद-पुराण में लिखा है
नर
-मेध यज्ञ व् नरबली जिसमे मानव को जिन्दा बलि दी जाती थी तथा आग
में जिन्दा मानव को स्वाहा कहकर जलाया जाता था, राजा शब्द को उल्टा करिए
तो जारा शब्द बनेगा, जिन्दा जलाने वाले को ही हम राजा कहे |
" सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तान हमारा" क्या हुआ है हिंदुस्तान में हमे पता नहीं है?
देश
का दूसरा नाम हिंदुस्तान जिसकी ब्यवस्था में गुलाम बन बादशाह के अधीन रहे
जहाँ
बादशाह के १५० कानून गुलामो पर लागू हुए और इनके धर्म में नर-क़ुरबानी का
प्राविधान
बना और यहाँ के मानव को बिस्मिल्लाहिर्ररहिमाने रहीम कहकर
क़ुरबानी
किये तथा खौलते हुए तेल की कडाही में जिन्दा मानव को जलाये |
" इंडिया इज ग्रेट " क्या हुआ है इंडिया में हमे पता नहीं है? देश का तीसरा नाम
इंडिया
जिसकी ब्यवस्था में हम सब भेड़ कहे गए, (इंडिया भेड़) तथा अंग्रेजो के
अधीन
रहे जहा अंग्रेजोँ के २५० कानून यहाँ के मानव पर लागू हुए और के
मानव
को जिन्दा गोली से भुने, "जलियावाला बाग में देखो यहीं चली थी गोलियां,
एक तरफ थी बंदूके एक तरफ थी टोलियाँ, मरने वाले बोल रहे थे इन्कलाब की
बोलियाँ " राजा घोडा दौड़ा कर धरती अपनाया और महल बनवाया वह महल
आज
खंडहर हो गया, बादशाह जमीन कहकर अपनाया और आलिशान हवेली
बनवाया
वह हवेली आज नेस्तनाबूत हो गई है और अंग्रेजो ने धरती को लैंड कह
कर
अपनाया और उस पर बंगला
बनवाया आज वह बंगला खँडहर हो गया,
राजा
ने तीर से मारा, बादशाह ने तलवार से मारा, अंग्रेजो ने गोली से मारा और
चौथी
ब्यवस्था...
" यूनियन आफ इंडिया" में गरीब (जानवर) कहकर भ्रष्ट बेईमान नेता हम सबको
बोली
से मार रहे है, कभी धर्म-मज़हब के नाम हम आप को लड़वाए तो कभी जाति
के
नाम पर चौथी ब्यवस्था में भी यहाँ के मानव को १८०० कानूनों से बांधा गया
हम सब को गरीब (जानवर) कह नंगा गिरफ्तारी का कानून पास हुआ, देश की
पहली
ब्यवस्था में ५२ कानून, दूसरी ब्यवस्था में १५० कानून, तीसरी ब्यवस्था
में
२५० कानून तथा आज चौथी ब्यवस्था में १८०० कानून, कानून क्या है,
एक बंधन और हम सब कहते है की आज़ाद है, हम सबको याद हो राजा के ज़माने
में
धरती राजा की रही, दास की नहीं, बादशाह के ज़माने में धरती बादशाह की रही,
गुलाम की नहीं, अंग्रेजो के ज़माने में धरती अंग्रेजो की रही, भेड़ की नहीं | आज भी
हम सब धरती विहीन है क्योंकि यहाँ की जमीन सरकार की है हम सब की नहीं
परन्तु
देखा जाय तो राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री, चपरासी तक सब नौकर है
क्योंकि तनख्वाह पानेवाला नौकर होता है मालिक नहीं तो जिस फैक्ट्री के सारे
नौकर भ्रष्ट व् बेईमान हो वह फैक्ट्री कितने दिन चलेगी |
" भारत, हिंदुस्तान, इंडिया, यूनियन आफ इंडिया " भारत से भगवान आये,
हिंदुस्तान
से अल्लाह, इंडिया से गाड और यूनियन आफ इंडिया से गुरु
महाराज
, चार ब्यवस्था चार पूज्यमान, भगवान के सामने मानव का सर
का
टकर बलिदान किया, अल्लाह के सामने सर काटकर कुर्बान किया, गाड की
ब्यवस्था में जिन्दा मानव को किलिया ठोक क्रूस पर लटकाया गया और गुरु-
महराज कहते है की बच्चा तन, मन, धन सब सौंप के गुरु चरण रहो समाय,
"गुरु के चरनिया अमृत होय, देहिएँ स्वर्ग पहुँचाय" अर्था
गुरु की सेवा में
यदि मर गए तो मरे नहींतर गए सीधे स्वर्ग गए | हम सब को याद हो १९९५ में
इस देश में हवाला कांड आया जिसमे हिन्दुओं के जगत गुरु स्वामी केशवानंद के
आश्रम
में छापा मारा गया और उन्हें बलात्कार के जुर्म में गिरफ्तार किया
गया
और उनके आश्रम से सैकड़ो नाबालिक लड़कियों के अस्थि पंजर बरामद
हुए तो यहाँ यह दिखाई दे रहा है की धर्म के नाम पर ये गुरु महराज लोग वर्ष,
११
वर्ष की अबोध बच्चियां जिनको कन्या-दान के नाम उन बच्चियों के साथ ये
लोग
बलात्कार करके मार डालते थे और जो इनके घिनौने क्रुतित्यों से बच जाती
उन्हें
देवदासी बना देते थे |
" देश का नाम व् झंडा " इस देश का पहला नाम भारत जिसका झंडा सूर्य था, देश
का
दूसरा नाम हिंदुस्तान जिसका झंडा चाँद था, देश का तीसरा नाम इंडिया जिसका
झंडा शेर था तथा देश की चौथी ब्यवस्था लोकतंत्र, देश का नाम यूनियन आफ इंडिया
जिसका
झंडा तिरंगा है, देश का नाम व् झंडा बदलने में कितने मानव
(दास, गुलाम, भेड़) का खून बहा है इस बात की गड़ना इस देश की किसी भी
किताब में उल्लेख नहीं किया गया है |
" हिन्दू-हिंदी तथा हिंदुस्तान " इस देश में हम सब हिन्दू कब कहे गए और इसका
अर्थ
क्या होता है, "हम दू हिन्दू , हिंदुस्तान, भाषा हिंदी" जिसका अर्थ है हम दू
यानि
राजा-बादशाह तथा इनकी रिश्तेदारी व् साझेदारी में देश का नाम हुआ
हिंदुस्तान और भाषा दिया हिंदी जिसका अर्थ हीन और दीन, राजा ने दास
बना कर हीन किया, बादशाह ने गुलाम बनाकर दीन किया अर्थात हम सब हिंदी
बोलने वाले हीन और दीन है, हिंदी बोलने वाले को बड़ी गिरी निगाह से देखा
जा
ता है, हिंदी भाषा को अपने ही देश में अपमान मिल रहा है, हिंदीभाषी कहकर
विरोध किया जाता है |
" धर्म क्या है " विश्व विदित चार धर्म हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई इन चार धर्मो
की
चार धर्म ग्रन्थे, हिन्दू का ग्रन्थ "वेद-पुराण", मुसलमान का ग्रन्थ "कुरान",
ईसाईयों का ग्रन्थ "बाइबिल" तथा सिखों का "गुरुग्रन्थ" ये ग्रन्थे क्या है
एक
मोटी-मो
टी किताबे जिनमे अलग-अलग भाषाओँ में लिखा गया है, वेद-पुराण
संस्कृत
भाषा में है, कुरान अरबी भाषा में है, बाइबिल अंग्रेजी भाषा में है, और
गुरुग्रंथ
पंजाबी भाषा में लिखा है, तो इन सभी ग्रंथों में शब्दों द्वारा अलग-अलग कहानियां
लिखी गई है जो सिर्फ मुँह और कान का विषय है जिन्हें हम आप ने कभी देखा नहीं,
"मानव से मानव भया, भया ऊँच ना नीच-पर इस जग की कुरीतियाँ, लगत परत तन कीच"
आँख से हम सब मानव दिखाई देते है परन्तु हम सब अपने को मानव ना कह हिन्दू,
मुस्लिम
, सिख, ईसाई
कहते है जो प्रलय, कयामत, विनाश के द्योतक है जिनके मूल
में मानवीय आधार नहीं
है |
दोहा -
| जग के दुश्मन दो बड़े, एक धरम एक जाति
इनके पथ पे जाइके, भाई मानव दुखी देखात
पड़ा विश्वास का झूला, लगाई शब्द की डोरी
जहाँ में खाता हिचकोला, धरम की रीत है जोड़ी
मानव हो के मानव पे, किया दस्तूर कैसा है
जो जलाता है अपनो को, ये चढ़ा गरूर कैसा है
तो बने हिन्दू, बने मुस्लिम, बने सिख और ईसाई है
कहे आपस में सब भाई है, तो ये क्या आफत बनाई है
होश कर हो समय तो सत्य से श्रधा जोड़ ले
आ शरण में सुख उढ़ा, पाखंड सारे छोड़ दे
" सत्य क्या है "
|
सकल पसरा सत्य का, सत्य जगत का मूल ||
| बिना सत्य इस जग महा लगत न एको फल और फूल ||

सत्य आँख हैं, वह आँख जिससे संसार का मानव सत्य का बनाया संसार देख रहा है,
सत्य से बनायें वस्तु- पदार्थ, पेड़- पौधे, पशु-पंछी, जीव, जंतु आँख से दिखाई देते है
परन्तु संसार का मानव शब्दी बन कर ( विस्वास, यकीन, विलिफ ) के पथ पर चल
कर आज भी वह सत्य को खोज रहा है, खोजा उसे जाता है जो खो गया हो, सत्य तो
संसार के मानव को भाई बना रहे है और कह रहे है ऐ संसार के मानव भाई अपनी-
अपनी आँखे खोलो और देखकर चलो तुम सत्य से बनाये पाँच तत्व के मानव हो,
कागज़ का पन्ना नहीं जिसे जब चाहा फाड़ कर फेक दिया " अपना अपना सब कहें,
अपना मिला ना कोय- अपना जग में सत्य है, छोड़ देत दुःख होय " परन्तु संसार
का मानव आँख विहीन होकर मुंह और कान से चल रहा है, आँख से मानव दिखाई
देता है परन्तु हम मानव ना देख धर्म तथा जाति के नाम पर माने जाते है, नाम क्या
है चंद शब्द, जिसे संसार का मानव अलग-अलग भाषा में आडा-तिरछा उकेर कर मनवा
दिया और हम आज भी उन्ही शब्दों को मानकर पढ़ते है जैसे "क" माने कबूतर, "ख" माने
खरगोश, "ग" माने गमला, "घ" माने घडी और अंगह माने कुछ नहीं, जिसका माने कुछ नहीं
उसे क्यों पढ़ाया जाता है तो यहाँ यह दिखाई देता है की मानव का अंग कुछ भी नहीं है, शब्द ही
सब कुछ है तथा इन्ही शब्दों को पढ़ने के बाद परीछा होती है जिसका अर्थ पर- इच्छा अर्थात
पढ़ाने वाले की इच्छा से ही हम सब को पदाई की मान्यता मिलती है, जान्यता नहीं | मानव
मुख से उच्चारित शब्द कान को सुनाई देता है, दिखाई नहीं | जो दिखाई ना दे उसी झूठ को लेकर
संसार का मानव आज पतन के कगार पर खड़ा चिंतित सत्य को दिखाई दिया, संसार से
मिटती मानवता बचाने के लिए सकल सृष्टी (संसार) संचालितकर्ता सत्य स्वयं मानव
शरीर से इस धरती आये और १९९३ में पहचाने गए जिसके उपरांत विश्व की दो महाशक्ति
साम्यवाद रसिया तथा महाशक्ति साम्राज्यवाद अमेरिका का वारा-नारा का उद्घोस कर
संसार के मानव को चार उपलब्धी
"दिर्घाऊ जीवन, दिव्य ज्ञान, दिव्य दृष्टि व् इच्छा की पूर्ति" प्रदान करते हुए सत्ययुग
की शुरुआत की और इस संसार के दुखी एवं अनेको समस्याओं के तले मिटती मानवजाति के
बीच रहकर लोगो के समस्याओं का सामना किया है और एक नारा दिया संसार के गन्दे
राजनीतिक गलियारे में, " सत्य ट्रू ईमान लायें, झूठ (विश्वास, यकीन, विलिफ) हटायें,
मानव जीवन सुखी बनायें "
" विश्व की खोज विश्वास-मूल में प्रलय, कयामत, विनाश "
भारत में राजा प्रलय लेकर आया, हिंदुस्तान में बादशाह कयामत और इंडिया में अंग्रेज
विनाश लेकर आये तो उस अंग्रेज को सत्य ने ललकार कर कहा बताओ महाशक्ति
साम्राज्यवाद अमेरिका, मानव धरती पर ना रहे इसके लिए तुमने अपने साइंस के जरिये
ऐसे-ऐसे रसायन, आडू बम तथा परमाणु बम का आविष्कार किया है जो मानव हित में
नहीं है जब यह परमाणु बम धरती पर फटेगें तो मानव का विनाश होगा जिसमे तुम्हारा
साम्राज्यवाद भी नहीं बचेगा, सत्य के इस स्टेटमेंट के बाद इंटरनेशनल प्रतिक्रिया हुई
महाशक्ति साम्राज्यवाद अमेरिका की ओर से सीटी-बीटी लागू हुआ की दुनिया का कोई
देश परमाणु बम नहीं बनाएगा और विश्व के मानव को सन्देश दिया
''तुम सत्य को जानोगे, सत्य ही तुम्हे स्वतंत्र करेगा"

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